असल में पशु चारे के अधिक महेगे होने पर, उसपर निर्भर रहने के विपरीत किसानों को साइलेज लेने एवं इस्तेमाल करने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए जो कि छोटी अवधि के लिए अनुकूल होगा | हरा चारा भी इस स्थिति के लिए बेहतरीन रहेगा जब तक कि उत्पादन का खर्चा कम नहीं हो जाता | दुग्ध समितियां साइलेज/सूखा चारा खरीद सकती हैं एवं उसे उन क्षेत्रों में पहुंचा सकती हैं जहां सूखा या हरा चारा की कमी है | सक्षम समितियां चारे/हरे चारे/साइलेज/चारा बीज में कुछ छूट दे सकती हैं | जो समितियां आर्थिक रूप से अधिक सक्षम नहीं हैं वे केंद्र अथवा राज्य सरकार से आर्थिक मदद ले सकती हैं एवं वंचित कियानों को चारा एवं साइलेज प्रदान कर सकती हैं । दुग्ध समितियां इस बात पर भी विचार कर सकती हैं कि वे चारा बैंक बना लें जिससे आपदा के समय पर वे सूखा/हरा चारा पहुंचा सकें |
12 June, 2020 - 13:22
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किसान इस संकट काल में पशुओं को संतुलित आहार नहीं दे रहे हैं , इससे कैसे निपटें ?